कल आज और कल यानिकी इन दिनों सब कुछ
ठीक वैसा नहीं चल रहा है जैसा की सोचा था _ सोचा हुआ सब चलता भी कहाँ है / समय के साथ चलने मे ही भलाई है। भलाई को भला और बुरे को भला यही बात ठीक लगाती है .सब अल्ला के बन्दे हैं इन पर गुस्सा कैसा और इनसे खोफ कैसा। भला हो सब का भला हो .
Wednesday, 24 September 2008
Monday, 22 September 2008
Sunday, 21 September 2008
मुड़- मुड़ के...
जीवन के हर मोड़ पर आता है टर्निंग पाइंट, लेकिन जनाब हर मोड़ से पहले अपने से पहले मुड़ने वालों को भी देखो...
मुड़- मुड़ के देख या न देख पर मुड़ने से पहले जरूर देख।
मुड़- मुड़ के देख या न देख पर मुड़ने से पहले जरूर देख।
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